आज की फुहार 15-02-2013
मैं मेज़ नहीं उठा सकती थी
एक पत्नि पर अदालत में मुकद्दमा चल रहा था कि उसने
अपने पति पर कुर्सी दे मारी जिससे कि वह बुरी तरह घायल हो गया।
जज ने पूछा कि बताओ, तुमने पति पर कुर्सी क्यों
मारी\
अपनी
लाचारी जताते हुये बेचारी पत्नि ने कहा, ''साहब, मैं क्या करती\ मैं मेज़ नहीं उठा सकती
थी।''
('धर्मयुग
में पढ़ा था)
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