व्यंग
'किस ऑफ लव' के आगे क्या है
— अम्बा चरण वशिष्ठ
बेटा: पिताजी।
पिता: हां,
बेटा।
बेटा: आपने
समाचार पढ़ा कि कुछ लोगों ने कोची के एक
रैस्तरां में हंगामा मचाया कि यहां कुछ अनैतिक व्यवहार हो
रहा है\
पिता: यदि
वहां कुछ ग़लत नहीं हो रहा था तो उस संगठन
को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिये था।
बेटा: आप ने पढ़ा
कि इन नैतिकता के ठेकेदारों द्वारा 'मौरल पुलिसिंग' का डंडा बरसाने के विरोध में
मैरीन ड्राइव तथा अन्य कई स्थानों पर पर विरोध प्रदर्शन के तौर पर ''किस ऑफ लव''
का आयोजन किया जा रहा है\
पिता: बेटा, मुझे
तो यह कुछ समझ नहीं आ रहा है।
बेटा: पिताजी,
विरोध के तौर पर कुछ संस्थायें व लोग वहां इकट्ठे होंगे और सामूहिक तौर पर पुरूष
व महिलायें एक दूसरे का सब के सामने सार्वजनिक रूप से चुम्बन लेकर विरोध प्रदर्शन
करेंगे।
पिता: तो
क्या वह सब पति-पत्नि ही होंगे\
बेटा: पिताजी, आप
फिर वही बात कर रहे हैं जिसका वह विरोध कर रहे हैं। यदि एक दूसरे का चुम्बन ले
रहे जोड़ों से कोई यह पूछने की हिमाकत करेगा कि तुम पति-पत्नि हो कि नहीं, तो फिर
उस पर भी ''मौरल पुलिसिंग'' का आरोप नहीं लग जायेगा।
पिता: बात तो तुम्हारी
ठीक है। पर इसका मतलब तो यह हुआ कि वहां पहुंचा हर पुरूष व महिला किसी का भी
बेरोक-टोक चुम्बन ले पायेगा।
बेटा: यही तो
हमारी नई उदारवादी सभ्यता का कमाल है, पिताजी। इसीलिये तो इस सभ्यता से लोग
जुड़ते जा रहे हैं।
पिता: पर बेटा, इस
विरोध आयोजन के लोग तो यह भी कहते हैं कि वह इस आयोजन द्वारा एड्स के विरूद्ध माहौल
खड़ा करेंगे।
बेटा: ऐसा विरोध
प्रदर्शन एड्स के विरूद्ध लड़ाई में कारगर सिद्ध होता है तब तो सरकार को भी ऐसे
''किस्स ऑफ लव'' आयोजन हर गांव व मुहल्ले
में करवाने पड़ेंगे।
पिता: सरकार को तो
तब सचमुच ही सोचना पड़ेगा।
बेटा: पर पिताजी,
मैंने यह भी पढ़ा कि पुलिस ने ''किस्स ऑफ लव'' के आयोजन की अनुमति देने से इनकार
कर दिया है।
पिता: तब तो बेटा
पुलिस पर भी ''मौरल पुलिसिंग'' का आरोप लग जायेगा जबकि पुलिस का सरोकार अपराध से
है नैतिकता से नहीं।
बेटा: पर आयोजकों
ने तो अपनी भीषम प्रतिज्ञा का ऐलान कर दिया है कि वह कुछ भी हो इस विरोध प्रदर्शन
का आयोजन कर के ही रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाये।
पिता: ऐसा लगता है
कि आयोजक अपने लक्ष्य के प्रति कटिबद्ध हैं और लगन के सच्चे।
बेटा: मुझे भी
ऐसा ही लगता है। पर पिताजी, यदि पुलिस ने भी उनकी सारी तैय्यारियों और मन्शा पर
पानी फेर दिया तो लगता है कि वह अपने लक्ष्य के प्रति इतने सच्चे हैं कि वह चुप
नहीं बैठेंगे और और भी सख़्त कार्रवाई कर सकते हैं।
पिता: मुझे भी कुछ
ऐसा ही लगता है।
बेटा: इससे भी
आगे बढ़ कर तो यही सख़्त विरोध प्रदर्शन हो सकता है कि वह मैरीन ड्राइव तथा अन्य
सार्वजनिक स्थानों पर बिस्तर बिछा देंगे और जोड़े आकर वह सब कुछ करेंगे सब के
सामने जो अन्यथा वह अपने कमरे की चार दीवारी में सब की नज़र से दूर अन्धेरे में
करते हैं\
पिता: यह
तू उनसे ही पूछ। ***