हास्य-व्यंग
कानोंकान नारदजी के
भविष्यवाणी आपकी किस्मत की
मैं भविष्यवक्ता हूं, अकेला आपका नहीं, सबका। आज तक मेरी कोई भविष्यवाणी ग़लत नहीं निकली। आप कहेंगे कि मैं अपने ही मुंह मिंया मिटठू बन रहा हूं। पर सच तो सच है। सच बोलना तो पाप नहीं है और न हो ही सकता है। क्या आप मुझ से अपेक्षा रखते हैं कि मैं झूठ बोलूं? फिर झूठ बोलना तो पाप है। मुझे पूरी आशा है कि आप मुझसे झूठ बोलने की न उम्मीद रखते हैं और न कहेंगे ही क्योंकि आप भी तो सच्चे-सुच्चे इन्सान हैं जिन्होंने अपने जन्म में झूठ बोलने का पाप नहीं कमाया। मुझे पता है कि आप मुझसे झूठ बोलने की आशा कभी नहीं रखेंगे। सो मैं सच ही बोल रहा हूं। यदि सच — और वह भी बराबर सच —बोलना अपने मुंह मिंयां मिट्ठू बनना माना जाये तो मैं क्या कर सकता हूं?
मैं तो आपकी किस्मत पढ़ता हूं, बनाता नहीं। मैं तो वही बताता हूं जो विधाता ने आपके लिये
लिखा है, निर्धारित किया है। आपका शनि या मंगल आपकी जन्मकुण्डली में ऐसे स्थान पर
विराजमान है कि वह आपका नुक्सान ही पहुंचायेगा तो मैं कुछ नहीं कर सकता। आखिर मैं ईश्वर से बड़ा तो हूं नहीं जिसने आपका जीवन निर्धारित किया है। मैं तो वही पढ़ूंगा जो भगवान् ने आपके लिये नियत किया है, लिखा है।
मैं जन्मकुण्डली देखता हूं। आपकी हस्तरंखायें भी पढ़ सकता हूं। आपके माथे पर क्या लिखा है, उसकी भी व्याख्या कर देता हूं। न हो तो मैं प्रश्न भी लगा देता हूं। आपको अपनी पसन्द का कोई फल या फूल लाने को भी कह देता हूं। जब आप उसे लेकर मेरे पास आते हैं तो उससे भी मैं आपके अतीत, वर्तमान और भविष्य का ब्यौरा दे सकता हूं।
आप पूछेंगे कि जब मैंने आपको देखा नहीं, पहचाना नहीं, आपकी कुण्डली देखी नहीं, आपके हाथ की लकीरें पढ़ी नहीं तो आपका भविष्य केसे जान लेता हूं? मेरे मेहरबान, इसे ही तो हुनर कहते हैं। अगर यह न होता तो लाखों लोग, देश-विदेश से भी, लाइन में घंटों-घंटों मेरे दरबार में खड़े न रहते। मेरे पर जनता की आस्था है, विश्वास है तभी वह दूर-दूर से इतने पैसे खर्च कर मेरे पास आते हैं। मैं यहां बैठकर भी आप माथे पर जो लिखा है, उसे पढ़ सकता हूं। आपकी कुण्डली भी मैं यहीं बैठकर पढ़ सकता हूं। मैं आपको चुनौति देता हूं कि आप सब मेरी एक भी भवष्यवाणी गलत साबित कर दिखाइये।
आप एक बहुत सच्चे-सुच्चे इनसान हैं — बेहद ईमानदार, बहुत मेहनती। झूठ तो आप बोल ही नहीं सकते। आपके मुंह पर भी वही है जो आपके मन में है। आप कभी किसी का बुरा नहीं कर सकते, कोई करवाना चाहे तब भी नहीं। आप जो भी हैं स्वयं बने हैंअपने बल और परिश्रम से — किसी के ऐहसान से नहीं। आपको अभी बहुत आगे जाना है। आपके पास घोड़ा-गाड़ी सब कुछ होगा। यदि अभी नहीं है तो आप जल्दी ही एक गाड़ी खरीदेंगे। यदि आपके पास आगे ही एक गाड़ी है तो आप उससे बढि़या एक गाड़ी लेने की सोच रहे हैं और वह आपको अवश्य प्राप्त होगी।
यदि आप अविवाहित हैं तो शीघ्र ही आपकी शादी हो जायेगी। आपके घर एक सुन्दर-सुशील गृहलक्षमी आयेगी जो आपके घर को स्वर्ग बनाकर रख देगी और आप महसूस करेंगे कि आप इसी जन्म में स्वर्ग के वासी हो गये हैं। आपके कम से कम एक लड़का और एक लड़की होगी जो आपका और आपके परिवार का नाम रौशन करेंगे। यदि आपकी धर्मपन्ति गर्भवती हैं तो मैं दावे से कह सकता हूं कि वह या तो पुत्ररत्न को या भाग्यवती सुपुत्री को जन्म देगी।
आप अपना एक घर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आप निश्चिंत रहिये। आपकी यह मनोकामना
भी समय से पूर्व पूर्ण होगी।
आपने किसी से कुछ लिया नहीं है। आपने तो बस दिया ही है। आप उदार व खुले मन के हैं पर किसी को उधार मत दीजिये। यदि आप देंगे तो पैसा आपको वापस नहीं मिलेगा और उल्टे दोस्ती दुश्मनी में बदल जायेगी। इस बात से सावधान रहें। आप तो जानते ही हैं कि उधार एक ऐसी कैंची है जो दोस्ती व रिश्ते को काट कर रख देती है।
आप बहुत सफल व्यक्ति हैं इसलिये आप से कुछ लोग ईर्षा रखते हैं। वह कोई और नहीं आपके बहुत करीबी रिश्तेदार व दोस्त ही हैं। उनसे सावधान रहें। उनमें से एक महिला या पुरूष है।
आप बहुत भोले हैं। आपको धोखा-फरेब नहीं आता। आप अपने मन की बात सब को बता देते हैं। इसका लोग लाभ उठाते हैं। वह आपके विरूद्ध षड़यन्त्र भी रच देते हैं जिस कारण आपकी योजनायें धरी की धरी रह जाती हैं। इस आदत से अपने-आप को बचायें।
आपके पास जो भी आता है आप उस पर विश्वास कर बैठते हैं। आप उसकी हर सम्भव सहायता करने का पूरा प्रयास करते हैं। आपकी ज़ुबान पर नां तो है ही नहीं। इस कारण लोग
आप को उल्लू बना लेते हैं और अपना उल्लू सीधा कर लेते हैं। ऐसे चापलूसों से बचें।
आपके माता-पिता तो साक्षात् भगवान् हैं। उनका आप पर बड़ा आशीर्वाद है। आप उन्हें सदा
प्रसन्न रखें। उनकी सेवा में कोई कमी न होनें दें। आपको सब सुख-सुविधा प्राप्त होगी। यदि वह
स्वर्ग सिधार गये हैं तो उनका ध्यान करते रहिये। उन्हें समय-समय पर याद करते रहें।
आप अपनी और अपने परिवार के बारे अपनी योजनायें किसी से सांझा न करें। जिन्हें आप
अपना सब से नज़दीकी व हितैषी मानते हैं वह ही आपकी इन सब योजनाओं को विफल करने वाले सिद्ध होंगे।
आप सब पर विश्वास कर लेते हैं। आप सबको अपनी ही तरह सरल और निष्कपट समझते हैं।
वास्तव में ऐसा नहीं है। सभी आपकी तरह सरल और ईमानदार नहीं होते। आप किसी पर तब
तक विश्वास न करें जब तक कि आपके प्रति उसकी निष्ठा पर आपको पूरा विश्वास न हो
जाये। समय-समय पर इस विश्वास की परख अवश्य करते रहें। ऐसा न हो कि किसी पर
आपका अति विश्वास ही आपके लिये परेशानी का कारण बन बैठे।
आपका व्यक्तित्व अति सुन्दर व सबको आकर्षित करने वाला है। सब आपके समीप आना चाहते हैं,विशेषकर महिलायें। आप तो नटखट कृष्णजी की तरह सबको प्रिय हैं, सब के चहेते। आप उनकी ही तरह छैल-छबीले हैं। सब आपकी ओर आकृष्ठ होकर रह जाती हैं। पर इतना अवश्य याद रखिये कि न तो आप स्वयं भगवान् कृष्ण हैं और न आपकी महिला मित्र उस काल की गोपियां।
आप अपने बच्चों के बारे कुछ परेशान रहते हैं। यह आजकल के वातावरण की देन है। आप
निश्चिन्त रहिये। समय बड़ा बलवान है। समय पर स्वयं इसका समाधान निकल आयेगा। जिस समस्या का आप हल नहीं निकाल सकते या जिस स्थिति को आप बदल नहीं सकते उसे
ईश्वर पर छोड़ दो। वह स्वयं इसे सम्भाल लेंगे।
ईश्वर पर विश्वास रखें। वह सब भला करेंगे। आपका कल्याण होगा। यही मेरी आशा और प्रार्थना है।
मेरे विचार में बहुत कुछ इतना ही है जो आप अपने भूत, वर्तमान व भविष्य के बारे जानना
चाहते हैं। मैं आपके बारे में और भी बहुत कुछ जानता हूं और बता सकता हूं पर आप जानते हैं
कि सब का अपना-अपना जीवन होता है वैयक्तिक। उसे सार्वजनिक कर देना मैं अपने पावन
कर्तव्य के विरूद्ध समझता हूं। कुछ चीज़ें ढकी की ढकी रह जायें तो इसी में सब की भलाई है। हां, आप मुझ से मिलना चाहें और अपने बारे कुछ और जानना चाहें तो उदय इण्डिया के माध्यम से सम्पर्क कर सकते हैं। मैं हर समय तैयार हूं।
यदि आपको लगे कि आप — जैसाकि मैंने लिखा है — एक सुशील, समझदार, ईमानदार व निष्कपट सज्जन नहीं हैं, तो मुझे अवश्य सूचित करें।
ईश्वर आपका कल्याण करे। ओम् शान्ति, शान्ति। ***
Courtesy: Udayindia (Hindi) weekly