आज की फुहार
हम घर के
मालिक होते हैं, जहां मर्जी बैठें
(06-6-2013)
एक पत्नि अपने पति को डण्डे के साथ बड़ी बेरहमी से
पीट रही थी। हार कर पति अपने आप को बचाने के लिये चारपाई के नीचे छिप गया। चारपाई
के नीचे पत्नि का डण्डा पूरी तरी चल न पाये। पत्नि ने पति को आदेश दिया कि वह
चारपाई के नीचे से बाहर निकले।
अब पति में भी पतित्व व मर्दानगी जागृत हो गई। उसने
भी तैश में आकर कड़क जवाब दिया, ''हम घर के मालिक होते हैं। जहां मर्जी़ वहां
बैठें। तू कौन होती है मुझे यहां निकलने के लिये कहने वाली\^^
(किसी
ने पंजाबी में सुनाया था)
No comments:
Post a Comment