आज की फुहार
पेशाब
नहीं, पानी पीना है
(05-06-2013)
दो दोस्त इकट्ठे एक ही कमरे में रहते थे। सोने का
समय हो गया तो एक ने कहा, ''मैं चिटकनी लगा दूं\ तुमने बाहर पेशाब तो नहीं जाना''\
दूसरे ने सहज भाव से कहा, ''मुझे पेशाब
नहीं, पानी पीना है''।
पहले ने तुरन्त चुटकी ली, ''मैं कहां तुम्हें
पेशाब पीने के लिये कह रहा हूं\ तू पानी ही पी''।
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