Thursday, July 25, 2013

हास-परिहास उसकी पत्नि मेरे पास आ जाती है 25-07-2013

हास-परिहास
उसकी पत्नि मेरे पास आ जाती है
25-07-2013

एक व्‍यक्ति आफिस में बड़ा उदास, बुझा-बुझा सा रहता था। कारण, उसकी पत्नि के उसके बॉस के साथ अनैतिक सम्‍बन्‍ध  हो गये थे। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था कि वह क्‍या करे। एक ओर पत्नि और दूसरी ओर बॉस। एक ओर घर-गृहस्‍ती का सवाल तो दूसरी ओर नौकरी का। वह इन दोनों ही पहियों के बीच पिसा जा रहा था। उसके दोस्‍त भी उसकी इस मानसिक हालत से परेशान थे पर कुछ कर नहीं सकते थे।

एक दिन जब वह आफिस आया तो सबने देखा कि वह बड़ा खुश था। एक अतरंग मित्र उसके पास आया और आहिस्‍ता से पूछा, ''भाबी के साथ सब सुलझ गया लगता है''।

''नहीं यार'', उसने ठहाका लगाते हुये उसके कंधे पर ज़ोर से अपना हाथ मारते हुये कहा, ''मैंने आज से अपना नज़रिया बदल लिया है।''

''क्‍या मतलब\'' दोस्‍त ने हैरानी से पूछा।

''आज से मैंने यह समझना शुरू कर दिया है कि वह मेरे बॉस की पत्नि है जो कभी-कभी मेरे पास आ जाती है।''

(किसी ने सुनाया था)

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