हास्य-व्यंग: उनसे ही पूछ
पिता चाहते तो आरुषि हत्या की जांच भी न होती?
बेटा: पिताजी।
पिता: हाँ बेटा।
बेटा: हमारे सेनाध्यक्ष जनरल सिंह ने हमारे रक्षा मंत्री श्री एंटनी को बताया था कि एक मामले में एक व्यक्ति ने उन्हें 14 करोड़ रुपए की घूँस देने की पेशकश की थी।
पिता: यह तो बेटा बड़े शर्म की बात है। हमारी सेना पर हमें नाज़ है। यहाँ पहले ऐसा कभी नहीं होता था।
बेटा: पर यह तो हमारे कानून के अनुसार अपराध नहीं है?
पिता: बिलकुल है बेटा। घोर अपराध।
बेटा: फिर श्री एंटनी ने उस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की?
पिता: बेटा, इसलिए कि एंटनी साहिब ने बताया है कि जनरल साहिब स्वयं इस पर कार्यवाही नहीं चाहते थे।
बेटा: पर पिताजी यह तो अपराध का मामला था और उस पर तो कार्यवाही करने या न करने का उन्हें कोई ऐच्छिक अधिकार नहीं होना चाहिए था।
पिता: पर बेटा एंटनी साहिब कहते है कि जनरल साहिब कार्यवाही नहीं चाहते थे।
बेटा: अगर आरुषि के पिता भी चाहते कि उनकी बेटी की हत्या के अपराध पर भी कोई कार्यवाही न की जाए तो क्या पुलिस उस अपराध के मामले को भी वहीं ठप्प कर देती?
पिता: बेटा, यह मुझे नहीं मालूम। तू उनसे ही पूछ।
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