Thursday, January 3, 2013

हास-परिहास: हंसिये न ज़रा - 2013


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03-01-2013

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04-01-2013
पताशा कड़वा लगे है क्‍या\

बलात्‍कार के मुकददमें की सुनवाई चल रही थी। बचाव पक्ष का वकील पीडि़ता से जिरह कर रहा था। उसने पीडि़ता को पूछा कि ऐसा लगता है कि शुरू में तो तुमने विरोध किया पर बाद में जैसे तुम शान्‍त हो गई। ऐसा क्‍यों\

गांव की भोली-भाली उस महिला ने अपने ही अन्‍दाज़ में अपने उत्‍तर में उल्‍टे उस वकील से ही सवाल कर दिया, ''जब तुम्‍हारे मुंह में कोई ज़बरदस्‍ती मीठा पताशा डाल दे तो क्‍या वह तुम्‍हें कड़वा लगे है\
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05-01-2013
कैसे\ ऐसे।
वचाव पक्ष का एक वकील बलात्‍कार पीडि़त महिला से जिरह कर रहा था यह साबित करने के लिये कि सब कुछ महिला की रज़ामन्‍दी से हुआ। उसका तर्क था कि जब महिला दावा करती है कि वह अन्तिम क्षण तक विरोध करती रही, तब तो यह अपराध समभव ही न था।
पीडि़ता के वकील ने कहा कि मैं बताता हूं कि उस महिला के विरोध के बावजूद भी यह कैसे सम्‍भव हुआ। वह एक सूई और धागा लाया और उसने सूई आरोपी के वकील के हाथ थमा दी और धागा अपने हाथ में रखा। उसने अपने विराधी वकील को कहा कि वह सूई को लगातार हिलाता रहे ताकि वह उसके अन्‍दर धागा न पिरो सके। महिला का वकील प्रयास करता रहा पर वह सूई में धागा न पिरो सके क्‍योंकि विरोधी वकील लगातार अपना हाथ हिलाता जा रहा था। बड़ी देर के बाद विरोधी वकील हाथ हिलाते-हिलाते थक गया और उसने कुछ क्षण के लिये अपना हाथ हिलाना बन्‍द  कर दिया। महिला के वकील ने उसका फायदा उठाते हुये तुरन्‍त धागा सूई में डाल दिया और कहा, ''ऐसे''।
¼सुनी-सूनाई बात½



06-01-2013
क्‍यों वह मेरा पति नहीं है\

एक महिला ने अपने पति के खिलाफ तलाक लेने का मुकददमा दायर कर रखा था। मुकददमें की सुनवाई के दौरान जज ने महिला से पूछा कि तुम तलाक क्‍यों लेना चाहती हो\

अपना पूरा हक जमाने हुये महिला ने फटाक से कहा, ''क्‍यों, वह मेरा पति नहीं है\''

¼कहीं पढ़ा या सुना है½



07-01-2013
मैं मेज़ नहीं उठा सकती थी

    पति की शिकायत पर अदालत में पत्नि पर मुकददमा चल रहा था। जज ने पत्नि से पूछा कि तुमने पति पर कुर्सी क्‍यों मारी।

पत्नि ने सहज भाव से उत्‍तर दिया, ''जज साहब, मैं मेज़ नहीं उठा सकती थी।''
¼वर्षों पहले धर्मयुग में पढ़ा था½



08-01-2013
भाबी घर पर है\

एक व्‍यक्ति दान्‍त दर्द से कराह रहा था। गाल पर हाथ रख कर जा रहा था कि उसे उसका दोस्‍त मिल गया। दोस्‍त ने पूछा, ''भाई, क्‍या हुआ\''
उसने बताया कि वह दान्‍त दर्द से मर रहा है।

''बस\'' दोस्‍त ने सहज भाव से कहा। ''दो दिन पूर्व मेरी भी यही हालत थी।''
''तो तुमने क्‍या किया\'' उसने उत्‍सुकता से पूछा।
दोस्‍त ने बताया कि उसने कुछ नहीं किया। घर गया और जब उसने अपनी पत्नि को बताया तो उसने उसे बड़े प्‍यार से चूमा। बस दर्द ग़ायब।
''अच्‍छा\'' उसने भी बड़े भोलेपन से कहा और पूछा, ''यार बता। भाबी इस समय घर पर ही है\''

¼बहुत साल पहले टाम्‍स आफ इण्डिया में पढ़ा था½






10-01-2013
मैं आज 25 की नहीं हूं क्‍या\

एक पत्नि अपने पति को बड़े प्‍यार से खाना खिला रही थी। उसने पति को लकड़ी के चूल्‍हे के पास चौके में ही बिठा लिया था। चूल्‍हे से निकाल कर वह गर्म-गर्म रोटी पति को परोसती जा रही थी। पति ने खुश होकर उसकी प्रशंसा शुरू कर दी। कहा कि जब वह 25 साल की थी तो वह बहुत सुन्‍दर लगती थी।
यह सुनते ही वह भड़क उठी। जलते चूल्‍हे से एक लकड़ी निकाल कर उस को मार दी और पूछा, ''क्‍यों, मैं आज 25 की नहीं हूं क्‍या\''

¼सुनी-सुनाई बात½



11-01-2013
बीवी होगी तेरी
लटठमार वह होते हैं जो ऐसे लगता है कि बात करते भी लाठी ही मारते हैं। ऐसे ही एक लटठमार एक महिला को साईकल पर पीछे बिठर कर चले जा रहे थे। राह में जाते एक युवक ने उसे  कहा, ''भाई साहब, आपकी बीवी की चुन्‍नी साईकल के पहिये में फंस रही है''।
सुनते ही लटठमार को गुस्‍सा आ गया। साईकल रोक कर कहा, ''ओये, यह बीवी होगी तेरी, मेरी तो बहन है''।
(Read in Dainik Bhaskar)

  

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