व्यंग
क्या मैं तुम्हें सोनिया गान्धी लगता हूं?
कल मेरी एक पत्रकार से भेंट हो गयी। मुझे कहने लगा कि मैं तुम्हारा साक्षात्कार लेना चाहता हूँ। मैंने कहा, तुझे कोई और नहीं मिला? मैं कौन सा इतना बड़ा नेता हूँ कि तू मेरा साक्षात्कार लेगा? पर वो न माना। कहने लगा देखो, बड़े-बड़े लोग मेरे पीछे पड़े रहते हैं कि मेरा साक्षात्कार लो और मैं मना कर देता हूँ और एक तुम हो जो मुझे मना कर रहे हो। कहने लगा कि मैं तुम्हें एक बड़ा नेता बना दूंगा। तुम्हें मशहूर कर दूंगा। तुम्हें अमर कर दूंगा।
मैंने कहा कि मुझे जीते जी अमर नहीं होना है।
कहने लगा कि तुम अलग किस्म के पाजी आदमी हो। एक बार साक्षात्कार देकर तो देखो।
जब वह मेरा पीछा नहीं छोड़ रहा था तो मैंने भी खीज कर हां कर दी।
वह कहने लगा कि देश और दुनिया की समस्याओं पर तुम्हारे विचार मैं बाद में लूंगा। पहले तुम अपना परिचय दे दो।
तुम्हारा नाम?
झोंपू राम।
यह भी कोई नाम हुआ?
फिर तुम्हें पूछ कर अपना नाम रखूं?
पर यह पड़ा कैसे?
मेरे माता-पिता ने रख दिया। मैं तब बहुत छोटा था। उनसे तब बहस भी नहीं कर सकता था। फिर उन दिनों टीवी और फिल्में भी तो नहीं थीं कि आज के बच्चों की तरह मैं अपने मां-बाप से बहस करना सीख जाता।
पिता का नाम?
गड़बड़लाल
यह भी कोई नाम हुआ?
भई उन्होंने मुझ से पूछ कर रखना था अपना नाम? तुम्हारे पिताजी ने तुम से पूछ कर रखा था अपना नाम?
पर इसका मतलब क्या हुआ?
उन्होंने की होगी कोई गड़बड़।
माताजी का नाम?
कैटरीना
कैटरीना कैफ?
नहीं केवल कैटरीना।
यार दुनिया कैटरीना को अपनी प्रेयसी-बीवी बनाना चाहता है और तू उसे अपना मां बता रहा है।
अब क्या अपनी मां का नाम भी तुम्हारी मर्जी का रखूं?
तुम्हारी उम्र क्या है?
यह किस लिये पूछ रहे हो? कोई रिश्ते की बात चलानी है क्या? पर मैं बता दूं कि मैं पहले ही शादीशुदा हूं।
भई तुम तो लड़कियों की तरह अपनी उम्र छुपाना चाहते हो।
आजकल लड़के और लड़की में फर्क ही क्या है?
तुम करते क्या हो?
केवल राजनीति।
तुम्हारी आय कितनी है?
तुम्हें बता कर क्या मैं अपनी जान को जोखिम में डाल लूं क्या?
ऐसा क्यों?
भई कोई डाकू पीछे लग जायेगा।
तुम आयकर तो देते होगे। उसका ब्यौरा ही दे दीजिये।
यह मेरा निजी मामला है। मैं तुम्हें नहीं बता सकता। कल को मेरे राजनीतिक विरोधी इसे मेरे विरूद्ध इस्तेमाल करेंगे।
तुम विदेश यात्रा बहुत करते रहते हो। बताओ कहां-कहां का भ्रमण और क्यों कर आये हो?
यह मैं नहीं बता सकता। इससे मेरी जान को खतरा हो सकता हैा
मुझे पता चला है कि तुम पीछे विदेश गये थे अपना ईलाज करवाने। कहां गये थे, तुम्हें क्या बीमारी थी, उस पर कितना खर्च हुआ और यह सब किसने वहन किया?
यह मेरा निजी मामला है। मैं कुछ नहीं बता सकता।
भई तुम एक लोकप्रिय नेता हो। जनता को तुम्हारे बारे में उत्सुकता रहती है, चिन्ता रहती है। वह सब जानना चाहते हैं?
यह सब बताने से मेरी निजी सुरक्षा के लिये खतरा पैदा हो सकता है।
तुम्हारा धर्म क्या है?
मेरा धर्म-वर्म कुछ नहीं है। यह भी मेरा निजी मामला है। मैं नहीं बता सकता।
तो क्या तुम सोनिया गान्धी हो?
मुझे गुस्सा आ गया। मैंने कहा, ‘’क्या मैं तुम्हें सोनिया गान्धी लगता हूं?
मैं गुस्से में उठकर चला गया।
— अम्बा चरण वशिष्ठa
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