'कल्चर्ड' की परिभाषा
विख्यात उर्दू कवि अकबर इलाहाबादी अपने समय में सेशन जज
थे। पर पाश्चात्य सभ्यता के घोर विरोधी थे। अंग्रेज़ों के प्रभाव में भारतीय
सभ्यता पर भी बड़ा असर पड़ रहा था। तो उन्होंने आधुनिक कल्चर (सभ्यता) पर
कटाक्ष करते हुये उसे परिभाषित किया —
खुदा के फज़्ल से
मियां-बीवी दोनों मुहज़ज़ब हैं
हया उनको नहीं आती,
उन्हें ग़ुस्सा नहीं आता।
(खुदा — ईश्वर, फज़्ल
— कृपा, मुहज़ज़ब — कल्चर्ड, हया — शर्म)
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