पिता की आंखों में आंसू
मेरे एक सम्बन्धी
हैं। एक बार अपने जीवन की कहानी सुना रहे थे। कहने लगे कि एक दिन उनके पिताजी ने
बताया कि वह उनकी शादी की बात कर आये हैं। उन्होंने बताया कि लड़की कौन है और
उसका परिवार कैसा है। पर मेरे सम्बंधी कहीं और अपनी मर्जी़ से किसी और लड़की से
विवाह रचाना चाहते थे। मेरे सम्बंधी ने पिताजी को साफ इन्कार कर दिया। तभी उनको ऐसा
लगा कि उनके पिता की आंखों में आंसू आ गये हैं। वह समझ रहे थे कि उनकी ज़ुबान झूठी
पड़ गई क्योंकि वह तो लड़की के परिवार से हां कर आये थे। अपने पिता की आंखों में
आंसू मेर सम्बंधी देख न सके। उन्होंने उसी समय अपने पिताजी को कह दिया कि वह
शादी वहीं करेंगे जहां वह चाहते हैं। पिता तुरन्त प्रसन्न हो गये।
आज मेरे सम्बंधी का
भरा पूरा परिवार है — पत्नि, लड़का, लड़कियां, पोता, नाती-नातिने। आज वह स्वयं
कहते हैं कि मैंने पिताजी की बात का सम्मान कर बड़ा सुख पाया। उनका जितना सुखी
परिवार आज है, वह मानते हैं कि शायद तब न होता यदि वह वहां विवाह कर लेते जहां
उनकी मर्जी़ थी। वह समझते हैं कि यह उसी चीज़ का परिणाम है जो उन्होंने अपने पिता
के मन व आत्मा को दु:खी नहीं होने दिया। ***
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